
जयपुर, 11 दिसम्बर। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का समापन सत्र मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक पल साबित हुआ। इस अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने राज्य के अभूतपूर्व विकास की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 तक दुनिया की सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था बनेगा, और राजस्थान इस यात्रा में प्रमुख भूमिका निभाएगा। उन्होंने राजस्थान की उद्यमिता, नवाचार और ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों को भी सराहा।
धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा, “राजस्थान में हर व्यक्ति में जन्म से ही उद्यमिता के गुण होते हैं। राज्य में मौजूद विश्वस्तरीय संस्थान जैसे आईआईटी, आईआईएम, और एम्स इस बात का प्रमाण हैं कि यहां शिक्षा और तकनीकी विकास में कोई कमी नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान आने वाले वर्षों में ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का नेतृत्व करेगा और राज्य की विकास दर इस बात का जीवंत उदाहरण है कि राजस्थान अब ‘राइजिंग’ हो चुका है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का विजन: विकास की नई राहें
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने समिट के समापन पर कहा कि राज्य सरकार ने समिट में किए गए सभी एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए पूरी ताकत से काम करने का संकल्प लिया है। आगामी 11 दिसम्बर 2025 को इन एमओयू की प्रगति की समीक्षा कर जनता के सामने प्रस्तुत की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि राइजिंग राजस्थान समिट का अगला संस्करण 2026 में फिर से आयोजित किया जाएगा।
राजस्थान के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों, नवीन उद्योगों और तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियाँ बनाई हैं। विशेष रूप से, राज्य ने एमएसएमई नीति-2024 और निर्यात संवर्धन नीति-2024 जैसे कदम उठाए हैं, जो छोटे और मंझले उद्यमियों को बढ़ावा देंगे।
राजस्थान की ताकत: ऊर्जा, उद्योग और सांस्कृतिक धरोहर
मुख्यमंत्री ने कहा, “राजस्थान अब केवल एक पर्यटन स्थल नहीं बल्कि एक निवेशक-फ्रेंडली राज्य के रूप में उभर रहा है।” उन्होंने राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना, 1,200 करोड़ रुपये की स्वीकृति और नए औद्योगिक क्लस्टर्स को बढ़ावा देने की योजनाओं की जानकारी दी।
राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर लाने के लिए मुख्यमंत्री ने जीआई टैग के महत्व को भी रेखांकित किया और कहा कि अगले तीन वर्षों में जीआई टैग वाले उत्पादों की संख्या दोगुनी की जाएगी। उनका उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “विकास भी, विरासत भी” विजन को साकार करना है।
राजस्थान: भविष्य के निर्यातक हब की ओर
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने निर्यात वृद्धि नीति-2024 को लागू किया है, जिसके तहत नए उद्यमियों को निर्यातक बनने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। साथ ही, “एक जिला, एक उत्पाद” नीति के माध्यम से राज्य की पारंपरिक कला और शिल्प को बढ़ावा दिया जाएगा।
दुनिया भर के निवेशक और उद्यमियों का विश्वास
समिट के समापन समारोह में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, और डॉ. प्रेमचंद बैरवा के साथ-साथ कई प्रमुख उद्योगपतियों, निवेशकों और विशेषज्ञों ने राज्य की विकास यात्रा और समिट के योगदान को सराहा। प्रधान ने कहा, “राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में सबसे अधिक एमओयू साइन हुए हैं, जो राज्य के विकास की दिशा को प्रदर्शित करते हैं।”
मुख्यमंत्री का आभार और समिट की सफलता की कुंजी
मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक समिट के सफल आयोजन के लिए सभी मंत्रियों, निवेशकों, और अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह समिट राज्य के विकास की एक नई दिशा निर्धारित करेगा और यह राज्य की क्षमता, आकांक्षाओं और संभावनाओं का प्रतीक बनेगा।”
इस समिट में विभिन्न कंपनियों और उपक्रमों के एग्जीबिटर बूथ का निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री ने आधुनिक तकनीकों, जैसे 3D आईवीआर और रोबोटिक डॉग ऑपरेशन का अनुभव भी किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि राजस्थान न केवल उद्योगों और ऊर्जा के क्षेत्र में बल्कि तकनीकी नवाचारों में भी आगे बढ़ रहा है।
समिट का भविष्य: एक नया अवसर
इस समिट के सफल समापन के साथ ही राजस्थान ने अपने भविष्य के लिए एक मजबूत नींव रखी है। अब यह राज्य न केवल एक विकसित पर्यटन स्थल के रूप में बल्कि उद्योगों और निवेश का नया केंद्र बनकर उभरेगा। राइजिंग राजस्थान समिट ने राजस्थान को एक नया आत्मविश्वास दिया है और यह राज्य को आर्थिक और सामाजिक विकास के नए क्षितिज पर ले जाएगा।