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बीकानेर हाउस बना राजस्थान की संस्कृति का दर्पण, हर पल बना यादगार

राजस्थान उत्सव में छाया लोक संगीत का जादू, हर प्रस्तुति में झलकी विरासत

नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में आज से राजस्थान की सांस्कृतिक धड़कनें गूंजने लगी हैं, जहां 9 दिवसीय ‘राजस्थान उत्सव–2025’ की शुरुआत हो चुकी है। इस रंग-बिरंगे आयोजन का औपचारिक उद्घाटन बुधवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा किया जाएगा। यह उत्सव न केवल राजस्थान की परंपरागत विरासत को राजधानी दिल्ली में जीवंत करेगा, बल्कि देश-दुनिया को प्रदेश की संस्कृति, कला और व्यंजनों से रूबरू भी कराएगा। आयोजन में राजस्थानी शिल्प और स्वाद का संगम राजीविका क्राफ्ट मेला और फूड फेस्टिवल के रूप में दिखाई देगा, जो हर दिन आगंतुकों को पारंपरिक अनुभव देने के लिए तैयार है।

खास बात यह है कि इस बार प्रतियोगिताओं की धारा भी बह रही है, जहां मेहंदी, पेंटिंग और गोलगप्पा खाने की स्पर्धाओं के साथ-साथ पारंपरिक खेलों की झलक भी देखने को मिलेगी। जो प्रतिभागी अव्वल आएंगे उन्हें पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। सांस्कृतिक संध्या की बात करें तो राजस्थान के लोक कलाकार अपनी परंपराओं को मंच पर जीवंत करेंगे। गणेश वंदना, मयूर नृत्य और फूलों की होली से शुरुआत होगी और फिर चरकुला नृत्य, भपंग वादन, मषक वादन, चरी नृत्य और घूमर जैसे अद्भुत प्रस्तुतियों से दिल्लीवासियों को राजस्थान की मिट्टी की खुशबू महसूस होगी।

इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही वहां लगी हस्तशिल्प की प्रदर्शनी में राजस्थानी कलाकारों की मेहनत और कला का प्रदर्शन किया जा रहा है, जो पर्यटकों को न केवल खरीदने बल्कि जानने का भी मौका दे रही है। राजस्थान की आत्मा को दिल्ली में महसूस कराने वाला यह आयोजन हर वर्ग के लिए है, जो अपनी जड़ों को जानने और परंपराओं से जुड़ने का सुनहरा अवसर है। राजस्थान उत्सव एक उत्सव ही नहीं बल्कि एक अनुभव है, जो हर दिल को राजस्थानी रंगों से रंग देने की क्षमता रखता है।

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